फर्जी बीपीएल कार्ड पेश करने पर कोर्ट ने लगाया 10 हजार का जुर्माना - Madhya Pradesh

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फर्जी बीपीएल कार्ड पेश करने पर कोर्ट ने लगाया 10 हजार का जुर्माना

फर्जी बीपीएल कार्ड पेश करने पर कोर्ट ने लगाया 10 हजार का जुर्माना


#Court imposed a fine of Rs 10,000 for presenting fake BPL card

जबलपुर: हाई कोर्ट ने बीपीएल कार्ड में हेराफेरी कर फर्जीवाड़ा कर आंगनबाड़ी नियुक्ति को अवैधानिक करार दिया। न्यायमूर्ति जीएस आहलूवालिया की एकलपीठ ने फर्जी बीपीएल कार्ड प्रस्तुत करने वाली अनावेदक महिला रोशनी टेकाम पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। कोर्ट ने महिला के अधिवक्ता के आग्रह पर एफआइआर दर्ज नहीं की। कोर्ट ने रोशनी को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का कार्य तत्काल रूप से बंद करने और याचिकाकर्ता को संध्या मरावी को उक्त पद पर कार्य करने के निर्देश दिए।

बीपीएल कार्ड के दस अंक, मिली नियुक्ति

डिंडौरी निवासी संध्या मरावी ने याचिका दायर कर बताया कि समनापुर आंगनबाड़ी केन्द्र में सहायिका के पद पर उसे मेरिट में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ। रोशनी टेकाम को नियुक्ति प्रदान कर दी गई। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता सुदीप सिंह सैनी ने दलील दी कि रोशनी को बीपीएल कार्ड के दस अंक प्रदान किए गए थे। बीपीएल कार्ड में रोशनी का नाम उसकी सास के साथ जुड़ा हुआ था। जिसके विरुद्ध संध्या ने कलेक्टर डिंडौरी के समक्ष अपील दायर की

कलेक्टर ने अनावेदक रोशनी की नियुक्ति निरस्त करते हुए याचिकाकर्ता के पक्ष में आदेश दिया। उक्त आदेश के विरुद्ध रोशनी ने अतिरिक्त संभागायुक्त जबलपुर के समक्ष चुनौती दी। अतिरिक्त आयुक्त ने कलेक्टर के आदेश को निरस्त कर रोशनी की नियुक्ति को सही ठहराया। इस पर संध्या ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की।

शादी से पहले जुड़ा सास के बीपीएल कार्ड में नाम

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि रोशनी का विवाह साल 2016 में हुआ था और सास के बीपीएल कार्ड में उसका नाम शादी से पहले जुड़ गया था। इसके अलावा रोशनी के ससुर सहायक प्रध्यापक के पद पर पदस्थ थे। जिनकी मौत के बाद जेठ को अनुकंपा नियुक्ति मिली थी। एकलपीठ ने रोशनी के खिलाफ एफआइआर को लेकर उनके अधिवक्ता से स्पष्टीकरण मांगा था। अधिवक्ता के आग्रह व महिला होने को मद्देनजर रखते हुए न्यायालय ने एफआइआर न कराते हुए अनावेदक महिला पर दस हजार रुपये का जुर्माना हुए अतिरिक्त आयुक्त का आदेश निरस्त कर याचिका स्वीकार कर ली