बुरे वक्त में होती है इन रिश्तों की पहचान, जानिए - Madhya Pradesh

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बुरे वक्त में होती है इन रिश्तों की पहचान, जानिए

बुरे वक्त में होती है इन रिश्तों की पहचान, जानिए

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Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य देश में ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में एक लोकप्रिय अर्थशास्त्री और कूटनीतिज्ञ के तौर पर जाने जाते हैं. कई लोगों ने आचार्य चाणक्य की नीतियों को अपनाकर जीवन में एक बड़ा मुकाम हासिल किया है. चाणक्य की नीतियों का संग्रह चाणक्य नीति भी दुनियाभर में काफी प्रसिद्ध है. चाणक्य नीति में आचार्य चाणक्य अपने जीवन के अनुभवों का निचोड़ शामिल किया है. जिसके जरिए लोगों को सही राह और सफलता हासिल करने में काफी मदद मिलती है. चाणक्य नीति के अनुसार मनुष्य के जीवन में सफलता का पहला पढ़ाव उसके रिश्तों से शुरू होता है और किसी बड़े मुकाम तक पहुंचने के लिए रिश्तों की खास अहमियत होती है. आचार्य चाणक्य ने चाणक्य नीति में बताया है कि व्यक्ति के जीवन में तीन ऐसे रिश्ते होते हैं जिनके असली या नकली होने की पहचान मुश्किल वक्त में ही होती है. आइए जानते हैं इसके बारे मेें डिटेल से

पत्नी

कहते हैं कि पति-पत्नी का रिश्ता सुख-दुख का होता है और हर मोड़ पर दोनों एक-दूसरे का साथ निभाते हैं. आचार्य चाणक्य के अनुसार यह एक बहुत ही नाजुक रिश्ता होता है और इसकी पहचान मुश्किल वक्त में ही होती है. बुरा वक्त आने पर पत्नी अपने पति की परछाई बनकर साथ चलती है और उसे हर परेशानी से बचाने की कोशिश करती है. ऐसी पत्नी के साथ होने पर व्यक्ति बुरे से बुरे दौर को भी आसानी से पार कर लेता है

मित्र

दुनिया में मित्र दो प्रकार के होते हैं, एक वह जो आपसे फायदे के लिए जुड़े हुए हैं और दूसरे वह जो आपको हर सुख-दुख में साथ देते हैं. एक अच्छे व सच्चे मित्र की पहचान हमेशा मुश्किल वक्त में ही होती है. जो मित्र बुरे वक्त में आपके साथ खड़ा है वही आपका सच्चा दोस्त है. खराब समय में दूरी बना लेने वाले मित्र से रिश्ता खत्म कर देना ही बेहतर है

सेवक

आचार्य चाणक्य का कहना है कि एक सेवक की पहचान भी बुरे वक्त में ही होती है. बुरा वक्त आने पर अगर आपका सेवक आपके साथ खड़ा है तो वह असली सेवक है और हर कदम पर साथ निभाएगा. लेकिन बुरे वक्त में जो सेवक मालिक का साथ छोड़ दे उस पर जीवन में दुबारा भरोसा न करे

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